यमुनानगर में आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग: वॉलिंटियर्स को सिखाए गए बचाव के तरीके

यमुनानगर 15 मई 2025: जिला प्रशासन (District Administration) की ओर से आपात स्थिति (Emergency Situation) में लोगों की मदद के लिए वॉलिंटियर्स (Volunteers) को खास ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग एमएलएन कॉलेज (MLN College) में चल रही है और आज इसका चौथा दिन था। उपायुक्त पार्थ गुप्ता (Deputy Commissioner Parth Gupta) के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग में शामिल हुए वॉलिंटियर्स
इस ट्रेनिंग का मकसद है कि आपातकाल (Emergency) के दौरान वॉलिंटियर्स जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम कर सकें और लोगों की जान बचाने में मदद करें। ट्रेनिंग में सिविल डिफेंस (Civil Defence) के तहत कई जरूरी स्किल्स सिखाए जा रहे हैं। इसमें घायलों को सुरक्षित जगह ले जाना, प्राथमिक उपचार (First Aid) देना और आपदा के समय तुरंत एक्शन लेना शामिल है।
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग से बढ़ा आत्मविश्वास
ट्रेनिंग के दौरान वॉलिंटियर्स को प्रैक्टिकल सेशन (Practical Session) में हिस्सा लेने का मौका मिला। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कुछ वॉलिंटियर्स ने एक-दूसरे को उठाकर घायल को सुरक्षित जगह ले जाने की प्रैक्टिस की। इस दौरान पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे, जो उन्हें सही तकनीक बता रहे थे। एक वॉलिंटियर ने बताया, “यह ट्रेनिंग हमारे लिए बहुत फायदेमंद है। अब हमें लगता है कि हम मुश्किल समय में लोगों की मदद कर सकते हैं।”
एमएलएन कॉलेज में चल रहा है कार्यक्रम
यह ट्रेनिंग यमुनानगर के एमएलएन कॉलेज में हो रही है। कॉलेज के हॉल में प्रोजेक्टर (Projector) के जरिए वॉलिंटियर्स को आपदा प्रबंधन (Disaster Management) की जानकारी दी गई। इसके बाद प्रैक्टिकल सेशन में सभी ने हिस्सा लिया। जिला प्रशासन ने बताया कि इस तरह की ट्रेनिंग आगे भी जारी रहेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो सकें।
उपायुक्त ने दिया जोर, लोगों को करें जागरूक
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा, “आपदा के समय तुरंत एक्शन लेना बहुत जरूरी है। हमारा मकसद है कि वॉलिंटियर्स को ट्रेनिंग देकर उन्हें तैयार किया जाए, ताकि वे अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें और उनकी मदद कर सकें।” उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस ट्रेनिंग से न सिर्फ वॉलिंटियर्स का आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि वे अब आपात स्थिति में दूसरों की जान बचाने के लिए तैयार भी हो गए हैं।